राजगढ़। गुरु पूर्णिमा के बाद से ही वाल्मिकी समाज के आराध्य लोकदेवता वीर गोगादेव जी की ध्वजा (छड़ी निशान) प्रारंभ हो जाते है, वाल्मिक समाज यह पर्व बहुत ही हर्षोल्लास के साथ गोगासंगी सेनापति वाल्मिकी वीर रतनसिंह और पांचों वीरों के जन्मोत्सव के रूप में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अगले दिन गोगा नवमी सदियों से मनाते हुए आ रहा है। श्रावण माह से भादो नवमी तक वाल्मिकी समाज अपने गोगारतन की भक्ति में लीन हो जाता है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गोगा देव जी और साथी वीरों का जन्मोत्सव का महापर्व हर शहर में 20 अगस्त को मनाया जाएगा। श्रावण मास में नाग पंचमी के पवित्रपर्व पर राजगढ़ नगर में बाबा का झंडा निशान बड़े ही धूम- धाम से आतिश बाजी की गई व हर्षोल्लास के साथ उठाया गया व पूरा शांति नगर बाबा की जय करो से गूंज उठा। युवाओं में बड़ा ही जोश नजर आया समाज में ध्वजा के दर्शन मात्र से सभी में खुशियां ही खुशियां छा गई।
संजय झूंजे ने बताया की गुरु पूर्णिमा के दिन से ही बाबा की भक्ति में एवं उनकी तैयारिया में सभी जोरो से जुट जाते,और बाबा की सेवा पूजा पूरी निष्ठा से करते है। श्री कृष्णा जन्माष्टमी के अगले दिन गोगा रतन नवमी का पर्व समस्त वाल्मीकि समाज राजगढ़ द्वारा भव्य चल समारोह निकाला जाएगा। जिसकी तैयारिया बड़े जोर सौर पर जारी हे। और युवाओं में बाबा की भक्ति का अच्छा भाव दिखाई दे रहा है। बाबा के झंडा निशान मोहत्सव में वरिष्ठ गण व युवा पावन झुंजे, भारत झुंजे, शैलेंद्र, संदीप, चेतन, आदर्श, राज, आर्यन,कृष्णा, दीपक, कार्तिक, कबीर, आकाश, निखिल, गौरव, ऋषि, करण झुंजे सकल समाजजन उपस्थित रहा।