राजोद। शासन प्रशासन के आदेशों का पालन जिले में बैठे विपणन संघ एवं कृषि विभाग के अधिकारी इन आदेशों का अनदेखा कर आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं क्षेत्र के कृषक पहले अच्छी वैरायटी बीज के लिए भटकते रहे जैसे तैसे करके बोऊनी करने के बाद अब खाद के लिए सरकारी सोसाइटी के चक्कर लगा रहे हैं। अधिकारियों से पूछने पर कृषक को को जवाब मिलता है कि खाद नहीं है या आगे से नहीं आया है। विभाग के उच्च अधिकारी कृषि मंत्री के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहा हे। राजोद शाखा प्रबंधक भागीरथ धाकड़ ने बताया कि हमने मांग खाद की पूर्व से ही कर रखी है। सरदारपुर कृषि विभाग अधिकारी मंडलोई से फोन पर चर्चा की तो उनका कहना था कि खाता आगे से आएगा हमने ऊपर अधिकारियों को सूचना दे दी है। विपणन संघ के अधिकारियों को भी सूचना दे दी है। ऐसी स्थिति में कृषक मजबूर होकर इधर-उधर भटक कर बाजार में व्यापारियों द्वारा महंगे भाव से बेचे जा रहे हैं खाद डीएपी, यूरिया, पोटाश अधिक दामो से बेच रहे हैं यदि एक तरफ सहकारी सोसायटी ओं में खाद नहीं मिल रहा है तो बाजार में व्यापारियों के पास में थोक खाद की दुकानें भरी पड़ी हुई है। विभाग में व्यापारियों की ओर कोई देखने वाला नहीं है दवाइयां एवं खाद्य बड़ी मात्रा में भंडारण किया हुआ है। किसानों को डीएपी खाद 15 से 16 सो रुपए एक थैली के देने पड़ रहे हैं। शासन एक तरफ किसानों की दुगनी आय करने में लगी है किंतु व्यापारी एवं अधिकारियों की मिलीभगत से क्षेत्र में आए दिन किसानों का हनन हो रहा है। कुछ व्यापारी अपने राजनीतिक आकाओं के आड़ में गोरख धंधा चला रहे हैं। उच्च अधिकारी क्षेत्र की ओर ध्यान देकर कृषक को को इस समय खाद्य उपलब्ध कराने का कष्ट करें ताकि आदिवासी क्षेत्र में किसानों को सही समय पर खाद मिल सके और व्यापारी द्वारा उनका शोषण नहीं हो। क्षेत्र के आसपास खाद बीजों की कई दुकाने है व्यापारियों द्वारा अपनी दुकानों में रेट लिस्ट व कंपनियों की सूची सूचना पटल पर नहीं लगाई है। कृषको को व्यापारी द्वारा खरीदी करने पर पक्का बिल भी नहीं दे रहे हैं। सूत्रों की माने तो एक लाइसेंस से कई दुकानें चलाई जा रही है।
राजोद – खाद के लिए इधर-उधर भटक रहा किसान, विभागीय अधिकारियो का नही है ध्यान
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