विनोद सिर्वी @ धुलेट। धर्म के प्रचार के लिए आज हमारे पास विद्वानों की कमी नहीं है पहले समय था जब विद्वानों को ढूंढा जाता था। विद्वजन की संख्या बढ़ती है तो विद्वता का विकास होता है। यज्ञ करने वाले आचार्य गुरु का रूप होते हैं। और गुरु हमारी कोई भी समस्या हो उसे तपस्या में बदल देते हैं फिर वह समस्या, समस्या नहीं रहती है। उक्त बात ज्योतिषाचार्य पुरुषोत्तमजी भारद्वाज माताजी मंदिर राजगढ़ ने गांव पिपरनी में हो रहे सात दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के तीसरे बुधवार को कहीं। ज्योतिषाचार्य श्री भारद्वाज ने कहा कि संगठित समाज ही इस तरह के बड़े आयोजन कर सकता है। यदि घर में 4 सदस्य चारों अलग-अलग दिशा में चले तो वह घर सही तरीके से नहीं चलता यदि चारों भाई मिलकर कार्य करें तो बड़े से बड़ा पहाड़ भी उठा सकते है। आज समय जागने का है, तथा संगठन में ही शक्ति है। बिना संगठन के समाज नहीं चल सकता।
महोत्सव के तीसरे दिन बुधवार को भजन सम्राट प्रकाश माली राजस्थान द्वारा शानदार भजनों की प्रस्तुति दी। उसके पूर्व मंचासीन अतिथियों का ग्रामीणों द्वारा स्वागत सत्कार किया गया। जिसके बाद महाकाल ग्रुप के सदस्यों द्वारा प्रकाश माली का शानदार स्वागत किया गया। करीब 10 बजे रात्रि 2:00 बजे तक भजनों की प्रस्तुतियां दी। 5 घंटे ऐसे निकल गए पता ही नहीं चला। बड़ी संख्या में गांव सहित आसपास के क्षेत्र से पहुंचे दर्शको से विशाल पांडाल भी छोटा पड़ गया।
भजनों पर थिरके ग्रामीण – भजन सम्राट प्रकाश माली ने ओ बाबा बेड़ा पार लगा दे…. पिपरनी रा मंदिर में में हनुमान विराजे रे…. तथा सिरवीयो री कुलदेवी आई मां पिपरनी में विराजे रे…. जैसे भजनों की प्रस्तुति के साथ देश भक्ति के भजनों की प्रस्तुतियां दी। लोग अपने आप को रोक नहीं पाए और खूब नाचने-झुमने लगे। वही साथ आए कलाकार ने बीच-बीच में काव्य पाठ व चुटकुला सुनाएं जिस पर दर्शकों ने खूब तालियां बजाई। महोत्सव के चौथे दिन गुरुवार को दिन में यज्ञाचार्यो द्वारा भगवान का दैनिक पूजन,स्वाहाकार एवं देव प्रतिमाओं का फलाधिवास किया । जिसमें भगवान को विभिन्न तरह के फलों से ढक कर रखा गया।