नरेन्द्र पँवार @ दसाई। जहां भी यज्ञ हो यज्ञ की परिक्रमा अवश्य लगाना चाहिये क्योकि परिक्रमा करने से कई पापो का अंत हो जाता हैं वही 84 लाख योनी से छुटकारा मिलता हैं। यज्ञ परिक्रमा करने से पुण्य की प्राप्ति होती हैं। हमारा पहला कदम प्रतिदिन धर्म कार्य के लिये निकला चाहिये ताकि धर्म में हम आगे बढकर अपने भव को सुधार सके। आज आवश्यकता हैं तो धार्मिक कार्य करने वालो की क्योकि मात्र दिखावा बनकर धर्म नही करना हैं। मन लगाकर किया गया कार्य सहित रास्ता दिखाता हैं वही यज्ञ की परिक्रमा हमें सही मार्ग पर ले जाती हैं। उक्त विचार सोमवार को ईच्छापूर्ण हनुमान धाम में शिव शक्ति महायज्ञ के दौरान प.पु गुरुदेव महामंडलेश्वर राष्ट्रसंत श्री बालबिहारीदासजी महाराज (प्रदेष प्रवक्ता खाट दर्शन विश्व अखाडा परिषद्) ने परिक्रमा करते समय व्यक्त किये। अब तक दसाई के इतिहास का सबसे बडा धार्मिक आयोजन में सुबह से ही दसाई सहित आसपास के लोग यज्ञषाला में परिक्रमा करने आते है यह क्रम प्रतिदिन आरती के बाद तक चलता हैं। शाम के समय यज्ञशाला में परिक्रमा की जगह छोटी लगने लगी हैं। यज्ञ के महाकुंभ में प्रतिदिन आस्था का सैलाब उमड़ रहा है।
51 कुंडीय शिव शक्ति महायज्ञ के दौरान रात्रि में हो रहे विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमो से अब पाण्डाल भी छोटा लगने लगा हैं रात्रि 8 बजे से ही श्रद्वालुओ का जमावडा होने लगता है जो देर रात तक रहता हैं । रविवार की रात्रि में दिलीप गवैया जौधपुर राजस्थान की भजन संध्या ने कई भजन ऐसे प्रस्तुत किये की लोग झुमने लगे। महायज्ञ के दौरान धार्मिक कार्यक्रमो के अलावा सामजिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा रहा हैं। रक्तदान शिविर के अलावा प्रातः मैराथान दौड का भी आयोजन समिति द्वारा किया गया। जिसमें दसाई सहित बाहर के 100 अधिक बालक-बालिकाओ ने भाग लिया। प्रथम स्थान साक्षी पाटीदार बडोदिया, द्वितीय स्थाल अंशिका पाटीदार दसाई, हितेष चैहान, दक्ष रघंवशी रहे। समिति द्वारा पुरस्कार किया गया।
महायज्ञ में प्रतिदिन अतिथिओ का आने का क्रम जारी हैं। रविवार को धार सांसद छतरसिह दरबार, पूर्व वनमंत्री गंधवानी विधायक उमंग सिंघार एंव खाद्य आपूर्ति राज्यमंत्री राजेश अग्रवाल ने कार्यक्रम में पहुॅकर यज्ञशाला की परिक्रमा की। इस अवसर पर समिति द्वारा मांग पत्र सांसद और विधायक को दिया। सांसद दरबार ने मांग पत्र को पूरा करने का आश्वासन दिया वही। विधायक सिंघार द्वारा मांगलिक भवन के लिये 5 लाख रुपये की स्वीकृति की घोषणा कर स्वीकृति पत्र समिति को सौपा। इच्छापूर्ण हनुमानधाम समिति द्वारा सभी अतिथियो का सम्मान हनुमानजी का चित्र देकर किया गया।