अमझेरा। यहाॅ के श्रीराम चैक हिन्दू चेतना मंच पर चल रही श्रीमद् भागवतकथा के छटवे दिन कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्णजी की द्वारिकाधिष मंदिर से ढोल-ढमाके साथ नाचते-गाते हुए श्रद्धालुओं के द्वारा बारात निकाली गई जो कथा पांडाल पहुंची यहाॅ भगवान श्रीकृष्ण ने रूखमणी का हरण किया तथा रूखमणी हरण के जीवंत प्रसंग को देखकर श्रद्धालुजन भी भावविभोर हो उठे क्योंकि अमझेरा नगर द्वापरयुग में कुन्दनपुर के नाम से प्रसिद्ध था तथा यहाॅ के माता अमका-झमका तीर्थ से ही भगवान ने रूखमणीजी का हरण कर रथ पर बैठाकर द्वारिका ले गये थे । कथा में पंडितो के द्वारा मंत्रोचार के साथ भगवान श्रीकृष्ण -रूखमणीजी का विवाह करवाया एवं श्रद्धालुजन भजनों पर नाच उठे। कथा में उपस्थित राष्ट्रवासी एवं प्रखर वक्ता मंहत श्री घनष्यामदासजी महाराज ने भी अपनी ओजस्वी वाणी के साथ अपनी बात कहते हुए बताया कि विदर्भीयों के द्वारा लगातार भारत देश को तोड़ने के प्रयास किये जा रहे है जिसमें विदेशी ताकते भी लगी हुई है साथ ही हमारे वनवासी भाई बंधुओं को भी धर्म के नाम पर बांटा जा रहा है इसलिए हम सभी को अपनी धर्म की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध होना पड़ेगा जिसके लिए उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को धर्म की रक्षा के लिए संकल्प दिलाया गया। भागवतकथाचार्य श्री बालकृष्णजी शास्त्री ने बताया कि धर्म रहेगा तो राष्ट्र रहेगा इसलिए सदैव धर्म के साथ जुड़े रहे एवं भगवत कार्य करते हुए धार्मिक कार्यो में संलग्न रहे। इसके साथ ही नगर में समाजसेवी, धार्मिक एवं पत्रकारगणों को मंच से श्री शास्त्रीजी के द्वारा सम्मान किया गया।