राजगढ़। नगर परिषद राजगढ़ के पार्षदों द्वारा नामांतरण, कार्यो तथा सामग्री के बिलों के भुगतान को लेकर शुक्रवार को नगर परिषद सीएमओ को दिए ज्ञापन के बाद शनिवार को नगर परिषद अध्यक्ष भंवरसिह बारोड़ ने प्रेसवार्ता कर अपना पक्ष रखा। अध्यक्ष बारोड़ ने कहा कि पार्षदों द्वारा दिए गए ज्ञापन में कहा कि नामांतरण प्रकरण का निराकरण अध्यक्ष द्वारा किया जाता है तथा नामांतरण की फाइलें परिषद की मीटिंग में रखी जाए। लेकिन 22 फरवरी 2018 में परिषद की पहली मीटिंग हुई थीं जिसमे परिषद द्वारा नामांतरण फाइलों के लिए मुझे अधिग्रहित किया गया था। चार वर्ष बीत गए है किसी पार्षद को कोई समस्या नही हुई और कल पार्षदों ने अचानक आवेदन दिया। साथ ही पार्षदों ने आरोप लगाया कि 2 साल से फाइलें पैंडिंग है जिससे जनता परेशान है। लेकिन ऐसा मेरे संज्ञान में आज तक नही आया है। अगर होगी भी तो इन्ही महीनों की एक या दो फाइल पैंडिंग होगी। साथ ही पार्षदों ने आरोप लगाया कि मेरे द्वारा मेरी दुकान पर फाइल बुलाई जाती है। वर्तमान में मेरी दुकान पर सीजन चल रहा है। में दुकान भी संभालता हूं। कोई व्यक्ति परिषद में आकर परेशान होता है तो कर्मचारी फोन कर बता देते है कि सम्बंधित की फाइल है हस्ताक्षर करने के लिए इंतजार कर रहा है तो में दुकान पर बुलाकर हस्ताक्षर कर देता हूं। जिससे सम्बंधित को परेशान ना होना पड़े। प्रेसवार्ता में नगर परिषद अध्यक्ष बारोड़ ने पार्षदों के द्वारा लगाए गए विभिन्न आरोपो पर भी अपना पक्ष रखा।
150 से 200 फाइल है पैंडिंग –
नगर परिषद अध्यक्ष की प्रेस वार्ता के बाद नगर परिषद उपाध्यक्ष अजय जायसवाल ने इस प्रतिनिधि से फोन पर चर्चा करते हुए कहा की अध्यक्ष महोदय को जानकरी नही है नगर परिषद में नामांतरण की लगभग 150 से 200 फाइल पैंडिंग है। आप इस बारे में परिषद के राजस्व विभाग के कर्मचारी से जानकरी ले सकते है।