राजोद। मां विश्वेश्वरी माता मंदिर परिसर रानीखेडी पर संस्था आजाद ऐ हिंद द्वारा यशगान कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन की शुरुआत में अतिथियों द्वारा भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण व दिप प्रज्वलन कर की गई। कार्यक्रम में
अतिथियों का संस्था आजाद ऐ हिंद के कार्यकर्ताओं द्वारा स्वागत किया गया। सर्व प्रथम मंहत गणपत दासजी (रामबोला आश्रम राजोद), मोहन नारायण शहिद समरसता मिशन संस्थापक, ललित कोठारी धार विभाग कार्रवाह, बाबूलाल हामड धार जिला कार्रवाह, लाखन सिंह जादौन बंजरग दल धार विभाग संयोजक, कलसिंह भाभर अजजा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष अशोक जैन हिन्दू नेता धार, मनोज सोमानी भाजपा जिला महामंत्री धार, गुमान सिंह डामोर रतलाम- झाबुआ सांसद, जय सुर्या भाजयुमो जिला महामंत्री, कमल डामोर HYJS राष्ट्रीय संरक्षक, दिलीप चौहान HYJS प्रदेश अध्यक्ष, वेलसिंह भूरिया पूर्व विधायक सरदारपुर, नवीन बनिया पूर्व मंडल अध्यक्ष ,अमृत पायल पूर्व मंडल अध्यक्ष, नरेश राजपुरोहित पूर्व किसान मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष, अखिलेश यादव सरदारपुर मंडल अध्यक्ष ,मदन चोयल रिंगनोद मंडल अध्यक्ष ,गिरधारी चौधरी राजगढ़ मंडल अध्यक्ष, दिपक फेमस मंडल अध्यक्ष राजोद, बगदीराम बंबोरिया उपसरपंच, हीरालाल मदारिया जनपद सदस्य राजोद आदि मंचासीन थे। वहीं संस्था आजाद ऐ हिंद द्वारा नगर के चौथे स्तंभ पत्रकारों को प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। वहीं चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी सेवा दे रहे मेडिकल आफिसर डॉ. ओपी परमार तथा राजोद थाना प्रभारी बीएस वसुनिया का भी संस्था द्वारा सम्मान किया गया। स्वागत भाषण दिपक फेमस ने दिया। मुख्य वक्ता के रूप में शहिद समरसता मिशन के संस्थापक मोहन नारायण गिरी द्वारा जनजाति राष्ट् नायकों का यशगान करते हुए कहा कि इतिहास हमारी सल्तनत की सेना 48 घंटों तक संघर्ष चला वेगड़ाजी भील का आखिरी तीर उसकी आखरी सांस तक संघर्ष चलता रहा। जब तक आखरी सांस बची जब तक कोई नापाक जिहादी का हाथ नहीं लगा। यह हमारे देश को पाकिस्तान से नहीं अलगाववादीयो से चुनोती है। कवि सम्मेलन में आमंत्रित कविगण में नरेंद्र अटल (महेश्वर), कुलदीप रंगीला (देवास) , गोपाल धुरंधर (राजस्थान), राम भदावर (इटावा उत्तर प्रदेश),पुष्पैद् पुष्प (बड़नगर) धीरज शर्मा (मांडु), नारायण निडर (उज्जैन) कवियित्री सुमित्रा सरल (चित्तौड़गढ़ राजस्थान) मंचासिन थे। वहीं राजोद नगर की शान कवि जानी बैरागी का संस्था आजाद ऐ हिंद द्वारा नगरीक अभिनन्दन किया गया व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। आयोजन में भामाशाहओ द्वारा जिन्होंने कोरोना काल में संस्था आजाद ए हिंद को ऑक्सीजन, दवाईयां, एम्बुलेंस, सेवा व धन राशि सहयोग देने वाले लोगों के द्वारा जानी बैरागी को सम्मानित किया गया। कवि सम्मेलन की शुरुआत कवित्री सुमित्रा सरल के द्वारा सरस्वती वंदना के साथ की। कवि गोपाल धुरंधर के काव्यपाठ करते हुए कहा कि पुरे आकाश को कागज बना दु किताबों से शब्द लु दिशाओं की कलम बना दु सागर से शाही लु सरस्वती से साहित्य शिखलु फिर भी मेरे कविता में सार्थक नहीं की मेरी मां की महिमा लिख दु। कवि नरेंद्र अटल ने अपनी कविता में कहा कि यह विरो का यशगान है ये विरो का यशगान नमन करें हम पन्ना भाये गुरु गोविंद को शिश झुकाए जिसने अपनी संतानो को धर्म हित परिवेश चढ़ाएं।तो खुद को मिटाकर रखी इस भगवा की शान विरो का यशगान है ये विरो का यशगान।हंस कर फांसी चढ़ने वाला भगतसिंह सा शेर दिवाना खुद को खुद से गोली मारे वह शेर आजाद निराला। कवि सम्मेलन अल सुबह तक चलता रहा। अलसुबह तक श्रोता डटे रहे।
राजोद – संस्था आजाद ए हिंद ने किया यशगान कवि सम्मेलन का आयोजन, कवि जानी बैरागी का किया नागरिक अभिनंदन, अल सुबह तक डटे रहे श्रोता
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