राजगढ़। गाय की सेवा ही प्रभु की सच्ची सेवा हैं। गौ सेवा से ही हमारी सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखा जा सकता हैं एवं आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिषा में प्रयास किए जा सकते हैं। गौ सेवा के माध्यम से ही कृषि प्रधान भारत देश को वास्तविक अर्थो में कृषि प्रधान बनाया जा सकता हैं। उक्त बातें वल्र्ड डायमंड फाउंडेशन ट्रस्ट एवं नवरत्न परिवार द्वारा गुरूदेव श्री नवरत्न सागरसूरिश्वरजी के मासिक पूण्यतिथि के अवसर पर भोपावर रोड़ स्थित निकुंज गौषाला में आयोजित कार्यक्रम के दौरान नवरत्न परिवार के अध्यक्ष पूरब फरबदा ने उपस्थितों का कहें। आपने कहा कि गुरूदेव श्री नवरत्न सागरसूरिष्वरजी ने हमेषा से ही गौ सेवा को प्रभु की सच्ची सेवा कहा था कि जब तक हम गोसेवा नहीं करेंगे। हम आत्मनिर्भरता की ओर नहीं बढ़ सकते हैं। क्योंकि गाय हमें अपने हर स्वरूप से सेवा में हमारी मदद करती हैं। जहां एक ओर दूध से मानव मंे उर्जा एवं गोबर से मिट्टी उर्वरकता शक्ति बढ़ती हैं। साथ ही मूत्र का उपयोग मानव चिकित्सा के रूप उपयोग किया जाता हैं। इसलिए हमें गायों के महत्व को समझना होगा एवं उनके कल्याण के लिए हर दम तत्पर रहना चाहिए। इस अवसर पर निकुंज गोषाला में पल रही एक सौ से अधिक गायों के रोटी एवं गुड खिलाया गया। स्मरणीय है कि यूवाचार्यश्री विष्वरत्नसागरसूरजी द्वारा स्थापिता द वल्र्ड डायमंड फाउंडेशन ट्रस्ट लगातार सामाजिक सेवा क्षेत्र के कार्यरत हैं। ट्रस्ट के ट्रस्टी संदीप जैन नाकोड़ा ने बताया कि गायों को रोटी एवं गुड के बाद अगले चरण में पषुओं के निषुल्क चिकित्सा सेवा का आयोजन भी किया जाएंगा। ताकि बीमार एवं अपाहिज गायों को चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराकर रोगों से मुक्त किया जा सकें। इस अवसर पर युवा सामाजिक कार्यकर्ता निलेश जैन, नवीन लाबरिया वाला, सोनू जैन, लाभ गंगा सोसायटी की ओर अरूण माली व सौरभ यादव भी मौजूद थे।