धुलेट। सोमवार को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर धुलेट में जयस संगठन व आदिवासी समाज द्वारा बड़े ही धूमधाम से आदिवासी दिवस मनाया गया। संगठन द्वारा बस स्टैंड धुलेट पर टंट्या मामा, बिरसा मुंडा आदि की प्रतिमा पर पूजन कर पुष्प हार पहनाए। वही धुलेट संगठन प्रभारी कमल सिंगार ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासियों को उनका हक और सम्मान दिलाने, उनकी समस्याओं का निराकरण करने, भाषा, संस्कृति और इतिहास के संरक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 9 अगस्त 1994 को विश्व आदिवासी दिवस मनाने का निर्णय लिया। तब से दुनिया में विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। आदिवासी शब्द दो शब्दों-आदि और वासी से मिलकर बना है और इसका मूल अर्थ मूल निवासी होता है। आदिवासी समुदाय का जीवन जल, जंगल, जमीन से जुड़ा है। आदिवासी समाज क्षेत्र शिक्षा, ज्ञान-विज्ञान, कला-संस्कृति सहित सभी क्षेत्रों में तेजी से तरक्की कर रहा है। सभा के पश्चात जयस संगठन द्वारा गांव में ढोल नगाड़ों के साथ नारे लगा कर नाचते गाते हुए शोभायात्रा निकाली गई। इस दौरान राजगढ़ संगठन अध्यक्ष अनिल खराड़ी, राकेश निनामा, राजू अजनार, शोभाराम खराड़ी, अल्पेश जामिया सहित बड़ी संख्या में समाज जन मौजूद थे।
धुलेट – जयस संगठन व आदिवासी समाज ने हर्षोउल्लास से मनाया विश्व आदिवासी दिवस
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