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धार – न्यायालय ने नाबालिंग के साथ बलात्कातर करने वाले मोसा को शेष प्राकृत जीवन तक का कारावास की सजा से किया दण्डित

धार। नाबालिंग के साथ बलात्कातर करने वाले मोसा को न्यायालय ने शेष प्राकृत जीवन तक का कारावास की सजा से दण्डित किया गया है। फरियादी द्वारा पिथमपुर थाने पर प्रकरण दर्ज करवाया गया था। विशेष सत्र न्यायाधीश पाक्सो धार श्री सुरेन्द्रध सिंह गुर्जर द्वारा निर्णय पारित करते हुए आरोपी मालसिंह पिता सरदारसिंह भीलाला उम्र 28 साल निवासी ग्राम उदयपुरा थाना उदयनगर, जिला देवास को लैंगिग अपराधों के बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के प्रकाश में धारा 376(3) एवं 506(2) भादस का अपराध अतिरिक्‍त प्रकृति का होने से आरोपी को धारा धारा 376(3) में अपराध के लिए आजीवन कारवास से जिसमें आरोपी को शेष प्राकृत जीवन काल के लिए कारावास से और 25 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। 506(2) भादवि में 6 माह का कारावास व 1 हजार रूपये अर्थ दण्ड/ 3/4 5/ 6 पाक्सोक एक्ट 2 में सजा से दण्डित किया गया तथा अर्थदण्डल अदा न करने पर 3 माह का अतिरिक्ती सश्रम कारावास से दण्डित किया जायेगा।

मीडिया प्रभारी श्रीमती अर्चना दांगी ने बताया कि “निश्चित ही माननीय विशेष न्याएयालय द्वारा दिया गया निर्णय समाज में बालकों के प्रति हो रहे अपराधों को रोकने व बुरी मंसा रखने वाले व्यीक्तियों के प्रति एक आधार स्तंभ बनेगा।” विशेष सत्र न्याणयाधीश पाक्सो धार द्वारा निर्णय में लेख किया गया है कि “उत्तरजीवी उसके संरक्षण में अध्यदयनरत थी, दोषी ने एक ऐसी बालिका जो उसके संरक्षण में थी बालिका के माता-पिता द्वारा छोड़ी गई थी। इस प्रकार का घृणित अपराधिक कृत किया है ऐसे कृत के लिए दोषी को दण्डित किए जाने से विधि के उद्देश्या की पूर्ति हो सकेगी।” विशेष सत्र न्यायालय के समक्ष विचारण के दौरान श्रीमती आरती अग्रवाल (विशेष लोक अभियोजक अधिकारी) शासन की ओर से पैरवी की गई जिन्होरने अभियोक्त्री, विशेषज्ञ, साक्षी, विवेचक व DNA की विश्ले षण रिपोर्ट प्रस्तुतत की गई थी जो कि सकारात्मक थी। इस प्रकार संपूर्ण साक्ष्यि आरोपी के विरूद्ध अभियोजन अधिकारी द्वारा प्रमाणित किए गए थे विशेष न्याईयालय ने अभियोजन द्वारा साक्ष्यो की प्रमाणिता के आधार पर आरोपी को जीवन पर्यन्तन (मरते दम तक) कारावास की सजा से दण्डित किया।

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