सरदारपुर। गुरुवार को ग्राम पंचायत बड़वेली के अंतर्गत आईटीआई कॉलेज पसावदा पर वृक्षारोपण कार्यक्रम किया गया। इस अवसर पर विधायक प्रताप ग्रेवाल ने संबोधित करते हुए कहा कि मानव जीवन में व्यक्ति को वृक्ष की महत्ता को पहचानना चाहिए। कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी को हमने महसूस किया है आज हर तरफ वृक्षो की अंधाधुध कटाई की जा रही हैं। जिससे पर्यावरण पर असर दिखाई दे रहा हैं। वृक्ष को लगाना ही वृक्षारोपण नहीं है उसे बड़ा करना हमारी जिम्मेदारी हैं। वृक्षारोपण का कार्य सिर्फ और सिर्फ बड़वेली तक ही सीमित नहीं रहे बल्कि हर जगह यह कार्य होना चाहिए। जनपद पंचायत सीईओ श्री शैलेन्द्र शर्मा ने कहा कि ग्राम पंचायत बड़वेली द्वारा जो वृक्ष लगाने का कार्य किया गया है कि वह सराहनीय हैं। ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाए ताकि हम हमारी धरती को हरा-भरा बना सके। कॉलेज परिसर में 600 से अधिक पौधे लगाये जाऐगें। मुख्य अतिथि विधायक प्रताप ग्रेवाल जपं सीईओ शैलेन्द्र शर्मा, बड़वेली पंचायत प्रधान नरसिंह वसुनिया जिला पंचायत सदस्य श्रीमति रामकन्या दिलीप वसुनिया, जिला कांग्रेस महामंत्री राजेन्द्र लौहार, उप सरपंच मनोज पाटीदार, प्रेमचंद्र मारु, अनिल मारु, आईटीआई कॉलेज प्राचार्य अरुण धवल, प्रिक्षण अधिकारी सती डोडियार मंचासीन रहे। मंचासीन अतिथियां ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रत की शुरुआत की। ग्राम पंचायत बड़वेली व एमहद के लोगो ने अतिथियां का स्वागत पौधा भेट कर किया। इस अवसर पर विधायक प्रताप ग्रेवाल को विकास कार्यो के प्रस्ताव भी दिए। कार्यक्रम का संचालन दीपक जैन ने किया। आभार मनोज पाटीदार ने माना।
विधायक के प्रयासो से मिली आईटीआई कॉलेज की सौगात – गौरतलब है कि वर्ष 2009-10 में विधायक प्रताप ग्रेवाल ने विधानसभा सत्र के दौरान प्रनकाल में आईटीआई कॉलेज की मांग को लेकर विधानसभा में प्रन उठाया था। जिसके तारतम्य में शासन ने आईटीआई कॉलेज खोलने की स्वीकृति प्रदान की थी। लगातार क्षैत्र के विद्यार्थियां की परेानी को देखते हुए विधायक के प्रयासो से कॉलेज की मंजूरी मिली। जमीन को लेकर बड़वेली पंचायत के प्रधान ने भी पूरा सहयोग करते हुए जमीन कॉलेज को आवंटित कर दी थी।
आईटीआई कॉलेज का अवलोकन किया – गुरुवार को विधायक ने कॉलेज बनने के बाद पहली बार अवलोकन किया। विधायक ने प्रांसा जाहिर करते हुए कहा कि क्षैत्र के विद्यार्थियां के लिए यह बड़ी सौगात हैं। विद्यार्थी अपने सुनहरे भविष्य को बना सकेगें। पहले विद्यार्थियां को धामनोद, झाबुआ व रतलाम आदि जगह जाना पड़ता था। लेकिन अब विद्यार्थी कॉलेज में रहकर तकनीकि शिक्षा को प्राप्त कर रहे हैं।