राजगढ़। जिले का बहुचर्चित श्री राजेंद्रसूरि साख सहकारी संस्था मामले में मंगलवार को पांच लोगों आरोपितों को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी हैं। इनमें संचालक आजाद भंडारी, कालूसिंह निनामा, धर्मेंद्र बागड़िया, जगदीश चोयल और प्रबंधक निर्मल मुरूमकर शामिल हैं। हालांकी अभी रिहाई नहीं हुई हैं।
गौरतलब है कि राजेंद्रसूरि साख सहकारी संस्था में 90 करोड़ रूपये की अमानत-खयानत मामले में 28 संचालक एवं अधिकारियों पर स्थानीय पुलिस थाने पर वर्ष 2019 में प्रकरण दर्ज किया गया था। इसके बाद पुलिस द्वारा 11 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसमें से मंगलवार को पांच लोगों को हाई कोर्ट से जमानत हुई हैं। जिनकी रिहाई में कुछ दिनों का समय लग सकता हैं। इधर, प्रकरण दर्ज होने के बावजूद भी संस्था के हजारों अमानतदारों को रूपया नहीं मिल पाया हैं। वही मामले में मुख्य आरोपित सुरेश तातेड़ अब भी फरार हैं।
इधर डेढ़ माह से बंद है वसूली – कोरोना महामारी के चलते पिछले डेढ़ माह से राजेंद्रसूरि साख सहकारी संस्था के बकायादारों के घरों पर सहकारिता विभाग द्वारा तगादा नहीं लगाया जा रहा हैं। विभाग द्वारा 15 जून के बाद पुनः वसुली की कार्रवाई की प्रारंभ की जाएंगी। बहरहाल, दो वर्षो संस्था के कई अमानदारों को फूटी कोड़ी भी नसीब नहीं हुई हैं। ऐसे में वे विभागों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। सहकारिता विभाग धार के उपायुक्त परमानंद गोडरिया ने बताया की कोविड प्रोटोकाल के तहत 15 जून तक वसुली स्थिगित की गई हैं। इसके बाद पुनः वसुली प्रारंभ की जाएंगी। पूर्व में भी कई लोगों को उनका जमाधन लौटाया गया हैं।