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राजोद – पुलिस को अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में मिली बड़ी सफलता, पुलिस को 8 दिन पूर्व माही डेम के किनारे मिला था अज्ञात अधेड़ पुरूष का शव, हत्या करने वाले 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार

राजोद – धार। थाना राजोद अंतर्गत माही डेम के चौकीदार को डेम की दिवार के किनारे एक दरी में लिपटी हुई लाश मिली थी, जिसकी सूचना मिलने पर थाना प्रभारी राजोद  बीएस वसुनिया तत्काल टीम के साथ घटना स्थल पर पहुचे, जहा दरी में खून से सना हुआ एक शव मिला था। अज्ञात मृतक की शिनाक्त हेतु राजोद पुलिस द्वारा अज्ञात मृतक की सूचना व फोटो नजदीक जिलें झाबुआ व धार जिलें के विभिन्न थानों एवं स्थानीय व्हाट्सअप ग्रुपो में भेजी गई। जिससे मृतक की शिनाख्त सुखराम पिता नाथू निनामा उम्र 40 साल निवासी ग्राम कुण्डाल थाना पेटलावद जिला झाबुआ के रूप में हुई थी। पीएम रिपोर्ट प्राप्त होने पर मृतक की मृत्यु सिर में आई चोटों के कारण होना डॉ. द्वारा लेख करने पर थाना राजोद में अज्ञात आरोपी के विरूध्द धारा 302 भादवि मे कायम कर विवेचना में लिया गया था।  

मामले की गंभीरता को देखते हुए एवं मृतक सुखराम की हत्या के आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी सुनिश्चित करने हेतु पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र पाटीदार, एसडीओपी सरदारपुर ऐश्वर्य शास्त्री के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी राजोद बीएस वसुनिया एवं उनकी टीम को उचित निर्देश देकर कार्यवाही हेतु लगाया गया। थाना प्रभारी राजोद एवं उनकी टीम द्वारा मृतक के परिवार एवं दोस्तो संबंधी जानकारी प्राप्त करते, टीम को पता चला कि मृतक सुखराम प्रायवेट बस पर कंडक्टरी करने का काम करता था एवं वह पिछले 1 साल से एक तलाकशुदा महिला रेखबाई के साथ रह रहा था। मृतक की पत्नी रेखाबाई पेटलावद-बामनिया रोड़ किनारे चापल्दा घाटी के किनारे चाय व गुटखा-तम्बाकू की दुकान चलाती थी, जिस पर वह अवैध शराब व पेट्रोल भी बेचने का धंधा करती है। दुकान पर बैठने के कारण उसकी कई ग्राहको से दोस्ती भी होने से मृतक सुखराम उस पर चरित्र शंका करता था तथा इसी कारणों से आए दिन मृतक व उसकी पत्नी के बीच झगडा व मारपीट भी होती थी। 

इन्ही कारणों के कारण मृतक सुखराम की हत्या की सुई उसकी पत्नी रेखाबाई पर आकर रूकी। इस हेतु राजोद पुलिस द्वारा रेखाबाई से पूछताछ की गई। पुलिस पूछताछ के दौरान वह घबराकर कभी कुछ व कभी कुछ बयान देने लगी, पुलिस द्वारा सख्ती से पूछताछ करने पर वह पुलिस के सामने टूट गई एवं उसने अपने पूर्व बेटी माया (पूर्व पति दुलेसिंह की बेटी) एवं मनोज पिता गुलाब मेडा के साथ अपने पति सुखराम की फावडा मारकर हत्या करना कबूल किया। 

आरोपिया रेखाबाई ने पुलिस को बताया कि वह अपने पति दुलेसिंह को छोडकर अपनी बेटी माया के साथ एवं सुखराम के साथ विगत 1 साल से रह रही थी। मेरे घर मनोज पिता गुलाब मेडा निवासी पेटलावद का भी आना जाना है, जो मुझे माँ के समान मानता था परंतु सुखराम हमेशा से ही मुझ पर चरित्र शंका कर गंदे-गंदे आरोप लगाता था एवं शराब पीकर आए दिन मारपीट करता था। दिनांक 17 जनवरी शाम को मनोज मेरे घर बैठा था, मेरी बेटी माया भी साथ थी, तो रात करीब 11 बजे सुखराम घर आया एवं मनोज को देखकर मारपीट करने लगा। मनोज व सुखराम के बीच मारपीट व धक्कामुक्की होने से सुखराम नीचे गिर गया, जिस पर से मैंने भी गुस्से में आकर उसके सर पर 3-4 बार पास में रखा हुआ फावडा मार दिया एवं मनोज ने भी 2-3 फावडे मारकर उसे मौत के घाट उतार दिया। लाश को माया, मनोज व मैंने एक दरी में रखा तथा उसे दूर कही फेकने का हमने प्लान बनाया। 

एक व्यक्ति तोलिया जिसके पास फोर्स वाहन है, मैंने उसे काल लगाकर माँ के इलाज हेतु उसका वाहन किराये पर बुलाया तथा उसमें हम तीनों ने सुखराम की लाश रखी तथा लाश को माही डेम में फेक आए थे। आरोपिया की निशादेही पर पुलिस ने उसकी बेटी माया व मनोज को भी गिरफ्तार किया, जिन्होने अपराध सदर में अपना जुल्म स्वीकार कर लिया है। इस अन्धे कत्ल का पर्दा फाश करने मे एसडीओपी ऐश्वर्य शास्त्री, थाना प्रभारी बीएस वसुनिया, सउनि केएस.टांक, आरक्षक रितेन्द्र , मंगलसिंह, रोहित व महिला आरक्षक तारा, साइबर शाखा से आरक्षक प्रशांत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

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