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धार – राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद ने राष्ट्रपति के नाम जिला प्रशासन को सौंपा ज्ञापन, जल जंगल और जमीन पर संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार दे अधिकार

धार। राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद के निर्देश पर धार जिला अध्यक्ष बालूसिंह बारिया के नेतृत्व में जिला अधिकारी को महामहिम राष्ट्रपति भारत सरकार नई दिल्ली के नाम  सौंपा ज्ञापन में बताया कि भारत के विभिन्न राज्य में निवास करने वाले आदिवासियों की संस्कृति और पहचान समाप्त करने के लिए विकास के नाम पर जल, जंगल और जमीन से बेदखल करने के लिए हो रहे अवैधानिक कुकृत्यो पर तत्काल रोक लगाकर संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार अधिकार सुनिश्चित करे एवं  संविधान में प्राचीन से आदिवासी समुदाय को अनुसूचित जाति के रूप मे पहचान प्राप्त है और इसी पहचान के आधार पर तमाम प्रकार के सामाजिक, शैक्षणिक, धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए विभिन्न अनुच्छेदों और अनुसूचियों मे अधिकार प्राप्त हैं ।विडंबना यह है कि तमाम विदेशी आक्रमणकारियों से लड़ते हुए, आदिवासी महापुरुषों ने जल, जंगल ,जमीन और अपनी संस्कृति को सुरक्षित रखने के लिए जान की बाजी लगाई थी ।लेकिन तथाकथित 1947 को मिली आजादी और 1950  में मिले अधिकारों के बावजूद विकास के नाम पर  उद्योगीकरण के माध्यम से बड़े-बड़े बांध बनाकर प्राकृतिक संसाधनों के उत्खनन कर के आदिवासियों को जल जंगल और जमीन में स्विथापित किया गया है। और उनका पूनवास  करने का कोई ईमानदार प्रयास नहीं हुआ है ।जबकि संविधान में अनुच्छेद 244 के तहत अनुसूची 5 और 6 में उल्लेख  है कि इन क्षेत्रों में केंद्रीय व राज्य सरकार को दखल देने का अधिकार नहीं होगा ।बल्कि जनजाति मंत्रणापरिषद की स्थापना कर वहीं विकास की सारी संभावनाओं को जमीन पर उतारने का काम करें और नियंत्रण प्रदेश में राज्यपाल और देश में राष्ट्रपति के अधीन होगा ।लेकिन संवैधानिक व्यवस्था के विरोध में लगातार राज्य एवं केंद्र को सरकार कानून बनाकर राष्ट्रपति के सामने प्रस्तुत किया और असवैधानिक कानून को स्वीकार किया गया ,इसलिए देश भर में लाखों जनजातियों के सामाजिक संगठनों में आक्रोश होने से उन्हें आंदोलन करना पड़ रहा है और हम सभी संगठन ने अपनी बुनियादी और जायज मांगों को एकत्रित कर आपका ध्यान आकर्षित  करने के लिए यह कदम उठाया है हमारे द्वारा निम्न मांगे  मांगे गए हैं एवं वैधानिक मांगों को लेकर प्रथम चरण में राष्ट्रव्यापी जिला स्तरीय ज्ञापन का आयोजन किया गया है उसके बाद भी सरकार संज्ञान नहीं लेती है तो द्वितीय चरण में तहसीलों में धरना तथा तृतीय चरण में जिला स्तर महारैली का आयोजन किया जाएगा।  इस दौरान राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद जिला अध्यक्ष बालूसिंह बारिया ,जिला कार्यकारी अध्यक्ष भारत सिंगार, आदिवासी टंट्या भील  सेना अध्यक्ष रोहित मकवाना, भारतसिंह खराड़ी ,धार ब्लॉक अध्यक्ष प्रकाश भाबर, अजय बारिया, राकेश भाबर ,मुकेश कोहली, व कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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