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धार – रिश्वत लेने वाले पटवारी को न्यान्यायल ने 5 वर्ष का सश्रम कारावास तथा 20 हजार रूपये अर्थदंड की सुनाई सजा

धार। माननीय विशेष न्याशयाधीश महोदय, भ्रष्टाीचार निवारण अधिनियम डॉ.श्रीमती शुभ्रासिंह, जिला धारा द्वारा दिनांक 30.09.2020 को विशेष सत्र प्रकरण क्र. 05/17 में निर्णय पारित करते हुए आरोपी कैलाशचन्द्रआ मंडलोई पिता श्री रामाजी मंडलोई पटवारी हल्काि नं.48 खाचरौंदा तहसील बदनावर जिला धार निवासी- ग्राम छोटा जामनिया थाना नालछा को भ्रष्टाोचार निवा. अधि.1988 की धारा 7 में 05 वर्ष सश्रम कारावास एवं 13(1) डी सहपठित धारा 13(2) में 05 वर्ष का सश्रम कारावास तथा 20000 रूपये के जुर्माने से दंडित किया जाकर आरोपी को जेल वारंट जारी कर आरोपी को जेल भेजा गया। अति0जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री रामदास जमरे जिला धार ने बताया कि शिकायतकर्ता चंचल पिता जगदीश पाटीदार निवासी – ग्राम खाचरौदा तहसील बदनावर जिला धार ने लोकायुक्तय एस.पी. इंदौर को शिकायत की, कि उसकी दादी सीताबाई एवं माताजी बसंताबाई के नाम से पटवारी हल्काल खाचरौदा के ग्राम ढोलाना तहसील बदनावर जिला धार के खसरा नं.32,33,31/1/1ख मे करीब 7 बीघा पैतृक कृषि भूमि हैं एवं मेरी दादी का स्वीर्गवास दिनांक 19.10.2014 को हो गया था । मेरी दादी के नाम की जमीन मेरी माताजी के नाम करने के लिये मैं जनवरी 2015 में आवेदन पत्र एवं मृत्यु2 प्रमाण-पत्र लेकर हल्काज पटवारी कैलाश मंडलोई से मिला तो पटवारी ने बोला कि नामांतरण के बदले 40 हजार रूपये रिश्व‍त देना पडेंगे उस समय मेरे पास पैसो की व्यकवस्थाे नहीं होने से मैने दिनांक 06.12.2015 को अपने मोबाईल फोन का रिकॉर्डर चालू कर पटवारी के घर जाकर पटवारी से नामांतरण के बारे में चर्चा की तो पटवारी ने 10 हजार रूपये रिश्वडत कम करते हुए 30 हजार रूपये देने को कहा । हमारे बीच में 25 हजार रूपये रिश्वीत लेना तय हुआ । फिर दिनांक 10.12.2015 को आवेदक चंचल पाटीदार द्वारा पटवारी कैलाश मंडलोई के निवास स्था‍न इंदिरा कॉलोनी बदनावर जाकर रिशवत राशि 20 हजार रूपये दिये जाने पर आरोपी पटवारी को 20 हजार रूपये की रिशवत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था।   ट्रेपदल का संचालन कर्ता अधिकारी निरीक्षक एस.पी.एस. राघव ने किया था । इस अपराध का अनुंसधान पूर्ण कर निरीक्षक आशा सेजकर ने चालान माननीय न्याथयालय धार के समक्ष प्रस्तु त किया था जिस पर से माननीय न्याणयालय द्वारा भ्रष्टावचार निवा. अधि.1988 की धारा 7, 13(1) डी सहपठित धारा 13(2) का आरोप लगाया गया था। माननीय न्यालयालय ने अभियोजन साक्षियों की साक्ष्य  पर पूर्ण विश्वाीस कर अपराध को प्रमाणित मानकर आरोपी को दंडित किया गया। इस प्रकरण में शासन कि ओर से पैरवी श्री टी.सी.बिल्लौूरे उप संचालक (अभियोजन) ने की थी। 

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