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भोपाल – मुख्यमंत्री चौहान ने की आत्मनिर्भर भारत पैकेज-4 की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा, आत्मनिर्भर भारत के लिए उद्योग एवं खनिज को बढ़ावा देना आवश्यक, मध्यप्रदेश में “रीयल ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” होगा

भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आत्मनिर्भर भारत एवं आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश बनाने के लिए प्रदेश में उद्योग और खनिज को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाएगा। उद्योगों को आकर्षित करने एवं निवेश के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस बहुत आवश्यक है, परंतु अक्सर इसका दिखावा होता है। हम सुनिश्चित करेंगे कि मध्य प्रदेश में ‘रियल इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ हो जिससे निवेशक यहां बिना किसी परेशानी के अपने उद्योग स्थापित कर सकें, सरकार उन्हें पूरा सहयोग देगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत अब कमर्शियल माइनिंग का प्रावधान किया गया है, जो कि उद्योग एवं व्यवसाय के लिए अत्यंत उपयोगी होगा। मध्यप्रदेश में कोयले के साथ ही बॉक्साइट भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। कोयला खदानों के साथ बॉक्साइट की संयुक्त नीलामी उद्योगों को बढ़ावा देने में अत्यंत सहायक होगी। हम अपनी खनिज संपदा के दोहन में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। गत वर्षो में यह कार्य धीमा रहा है, परंतु भविष्य में तेजी लाई जाएगी। इससे शासन को राजस्व तो प्राप्त होगा ही, रोजगार के बड़े अवसर सृजित होंगे। संबंधित विभाग इसके लिए विस्तृत कार्य योजना बनाकर समयबद्ध तरीके से कार्य करें।

मुख्यमंत्री श्री चौहान चिरायु अस्पताल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत पैकेज 4 के संबंध में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग तथा खनिज विभाग की कार्य योजना संबंधी बैठक ले रहे थे। बैठक में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री श्री राजवर्धन सिंह, खनिज साधन एवं श्रम मंत्री श्री बृजेंद्र प्रताप सिंह, वाणिज्यिक कर एवं वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, प्रमुख सचिव वित्त श्री मनोज गोविल, प्रमुख सचिव श्री संजय शुक्ला व अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। वीडियों कॉन्फ्रेंस के प्रारंम्भ में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री श्री राजवर्धन सिंह दत्तीगाँव ने आगामी वर्षों के लिये तैयार की गई कार्य योजना तथा विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों के संबंध में मुख्यमंत्री श्री चौहान को अवगत कराया।

11 कोयला खदानों की नीलामी की सूचना जारी
कोयला क्षेत्र में सुधार की नीति के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा अब कमर्शियल माइनिंग का प्रावधान किया गया है। इससे अब कोई भी पार्टी कोल ब्लॉक के लिए बोली लगा सकेगी तथा कोयला खुले मार्केट में विक्रय किया जा सकेगा। प्रतियोगिता बढ़ने से बंद पड़ी खदानें चालू होंगी, नई खदानें शुरू होंगी तथा कोयले के दाम कम होने से पावर, एल्युमिनियम एवं स्टील सेक्टर को लाभ होगा। भारत सरकार द्वारा हाल ही में जारी की गई कोल खदानों की नीलामी सूचना में देश की 41 कोयला खदानों को शामिल किया गया है जिनमें प्रदेश की 11 कोयला खदानें सम्मिलित की गई है। इसकी ड्यू डेट 18 अगस्त रखी गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि समय अवधि में सारी कार्यवाही पूर्ण कर ली जाए।

खनिज राजस्व में होगी ढाई गुना वृद्धि
भारत सरकार की इस नई नीति के चलते मध्यप्रदेश की खनिज आय में लगभग ढाई गुना तक वृद्धि होगी। अभी यह लगभग 5 हजार करोड़ रुपए है जो बढ़कर 12 हजार करोड़ रुपए के लगभग हो जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि न केवल कोयला बल्कि अन्य खनिजों के उत्खनन संबंधी ऐसी कार्यप्रणाली बनाई जाए, जिससे प्रदेश को अधिक से अधिक राजस्व प्राप्त हो सके और अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके।

13 खनिज ब्लॉक की नीलामी पूर्ण
प्रदेश के 13 खनिज ब्लॉक की नीलामी पूर्ण कर ली गई है। इनसे प्रदेश को 600 करोड रुपए का राजस्व प्राप्त होगा। अन्य 17 खनिज ब्लॉक की नीलामी 3 माह बाद होगी तथा 66 खनिज ब्लॉक में पूर्वेक्षण कार्य प्रगति पर है।

कोल-बैड मीथेन के दोहन की नीति बनेगी
आगामी समय में कोल बैड मीथेन के दोहन की भी नीति बनाई जाएगी। इसके साथ ही कोयले के गैसीकरण एवं तरलीकरण के उद्योग लगाने के क्षेत्र में भी कार्य होंगे। इससे जहाँ एक ओर पर्यावरण को हानि नहीं होती है वहीं दूसरी ओर इसका परिवहन भी आसान होता है।

अधोसंरचना विकास के कार्य में तेजी लाई जाए
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिये औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग, लोक निर्माण, ऊर्जा विभाग, जल निगम तथा नगरीय प्रशासन विभाग से समन्वय कर अधोसंरचना विकास के कार्यों में तेजी लाई जाये।

औद्योगिक क्षेत्रों/पार्कों के उन्नयन के कार्य
वीडियों कॉन्फ्रेंस में प्रमुख सचिव श्री संजय कुमार शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्रों/पार्कों के उन्नयन के प्रस्ताव तैयार किये जा रहे है। अगले 4-5 वर्षों में लगभग 10 हजार हेक्टेयर भूमि विकसित करने का प्रस्ताव है। इनमें चंबल प्रोग्रेस-वे तथा इंदौर-भोपाल इंडस्ट्रीयल कॉरीडोर के आसपास 2-2 हजार हेक्टेयर तथा 19 नये चिन्हित औद्योगिक क्षेत्रों में 1910 हेक्टेयर भूमि के विकास के प्रस्ताव शामिल है। उन्होंने बताया कि औद्योगिक अधोसंरचना उन्नयन के क्षेत्र में पीथमपुर में सेक्टर 4 व 5 में 587 हेक्टेयर क्षेत्र के विकास की प्रक्रिया जारी है।

फार्मास्युटिकल क्षेत्र में निवेश
आत्मनिर्भर भारत के लिये भारत सरकार द्वारा फार्मास्युटिकल क्षेत्र में निवेश के लिये नई गाइडलाइन जारी की गई है। इस गाइडलाइन के आधार पर मध्यप्रदेश में फार्मा पार्क की स्थापना हेतु कंसल्टेंट की नियुक्ति की कार्यवाई प्रारम्भ कर दी गई है। फार्मास्युटिकल, ड्रग और उपकरण निर्माताओं से चर्चा कर निवेश हेतु प्रयास किये जा रहे है। फार्मा पार्क की स्थापना के लिये 1500 से 2000 हेक्टेयर भूमि चिन्हित करने की कार्यवाही भी की जा रही है। इस उद्योग से प्रदेश के लगभग 40 से 50 हजार व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में फार्मास्युटिकल पार्क की स्थापना के लिए प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को समय सीमा में भिजवाया जाये।

डिफेंस पार्क की स्थापना
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में डिफेंस पार्क की स्थापना के लिये भी निवेशकों से चर्चा की जा रही है ताकि डिफेंस क्षेत्र में भी निवेश को आकर्षित किया जा सके। मध्यप्रदेश में औद्योगिक क्षेत्रों/ पार्कों की जीआईएस मेपिंग का कार्य भी 31 अगस्त तक पूर्ण कर लिया जायेगा।

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