भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मंत्रालय में मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि राज्य में गरीबों और अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के कल्याण की इस महत्वपूर्ण योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। उन्होने कहा कि गत वर्ष इस योजना के क्रियान्वयन में बाधाएं देखी गई हैं, उन्हे दूर किया जाए।
सभी पात्र लोगों को दिया जाएगा लाभ –
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि संबल योजना में राज्य के करीब डेढ़ करोड़ निर्धन श्रमिक शामिल हैं। गत वित्त वर्ष योजना पर कम राशि खर्च होना इस योजना के प्रति उपेक्षा और उदासीनता का प्रमाण है। श्री चौहान ने कहा कि इस योजना की उपयोगिता और महत्व से अन्य राज्य भी प्रभावित हुए हैं। इसका क्रियान्वयन हमारी राज्य सरकार की प्राथमिकता है। योजना के क्रियान्वयन पर गत वर्ष ध्यान नहीं दिया गया। इसलिए गत वर्ष योजना में कम राशि खर्च हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अप्रैल 2018 से प्रारंभ की गई संबल योजना पूरे देश में एक विशिष्ट योजना मानी गई है। इसे पुनः प्रारंभ कर पात्र वर्ग को लाभान्वित किया जाए। श्री चौहान ने बताया कि योजना के क्रियान्वयन के लिए धनराशि की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। आवश्यक बजट प्रावधान करते हुए सभी पात्र हितग्राहियों को इसका लाभ दिया जाएगा ।
संबल योजना को दिया जाएगा व्यापक स्वरूप –
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गत वर्ष योजना का लाभ देने में गरीबों की अनदेखी की गई, जो न्याय संगत नहीं है। योजना के प्रारंभ होने के पश्चात दूसरे वर्ष में योजना के अमल पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया गया। श्री चौहान ने कहा कि उन्हें गत वर्ष विभिन्न जिलों के भ्रमण में भी इस संबंध में जनप्रतिनिधियों और आमजन द्वारा जानकारी दी गई। उन्होने कहा कि योजना के प्रावधानों पर भी पुनर्विचार कर शीघ्र ही इसे और व्यापक स्वरूप दिया जाएगा। मुख्य रूप से सामान्य और असामयिक मृत्यु पर अंत्येष्टि सहायता, विभिन्न तरह की अपंगता पर अनुग्रह सहायता और लघु व्यवसाय के उन्नयन के लिए योजना में मदद दिए जाने का प्रावधान है। गरीबों और वंचित वर्ग को जन्म से मृत्यु तक आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिये यह योजना बनाई गई थी। बैठक में श्रम विभाग के अलावा स्वास्थ्य,उच्च शिक्षा,विद्युत से जुड़ी सुविधाओं के संबंध में कर हितग्राहियों के हित में योजना का दायरा बढ़ाने पर भी विचार विमर्श हुआ। जानकारी दी गई कि अप्रैल 2018 से प्रारंभ योजना में वर्ष 2018-19 में श्रम विभाग के अंतर्गत 703 करोड़ रूपये की राशि खर्च की गई। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अनुराग जैन, प्रमुख सचिव श्री अशोक शाह,सचिव जनसंपर्क श्री पी. नरहरि एवं अन्य अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।