भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संकट की इस घड़ी में वनोपज उपार्जन वनवासियों को राहत प्रदान करेगा। उन्हें उनकी वनोपज का अच्छा मूल्य उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही उन्हें नगद भुगतान की सुविधा मिलेगी। यह कार्य आगामी 25 अप्रैल से ही प्रारंभ कर दिया जाएगा। तेंदूपत्ता तोड़ाई का कार्य 25 अप्रैल तथा तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य 4 मई से प्रारंभ किया जाएगा। श्री चौहान आज मंत्रालय मैं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश की वनोपज संग्रहण संबंधी बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, सचिव जनसंपर्क श्री पी. नरहरि तथा वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
महुआ खरीदेंगे 35 रूपये प्रति किलो-
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार संग्राहकों से सरकार 35 रूपये प्रति किलो में महुआ खरीदेगी। गत वर्ष यह मूल्य 30 रूपये प्रति किलो था। संग्राहकों को नकद भुगतान की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। बताया गया कि प्रदेश में लगभग 75 हज़ार परिवार महुआ संग्रहण का कार्य करते हैं।
समूह में जाएं संग्रहण के लिए-
मुख्य सचिव श्री बैंस ने वन विभाग के अधिकारियों को से कहा कि महुआ आदि संग्रहण में वनवासियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आनी चाहिए। उन्हें यह बताया जाना चाहिए कि वे जहां जंगली जानवरों का भय हो, वहां न जाएं। साथ ही संग्रहण कार्य के लिए अकेले न जाएं समूह में जाएं।
संबल योजना से जोड़ा जाए –
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि वनोपज संग्रहण करने वाले श्रमिकों तथा तेंदूपत्ता संग्राहकों को संबल योजना में पंजीकृत किया जाए। ये लोग अपनी जिंदगी जोखिम में डालकर कार्य करते हैं। इसलिये कोई भी छूटे नहीं।
25 अप्रैल से पूर्व करें सारी तैयारियां-
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि 25 अप्रैल से पूर्व वनोपज संग्रहण संबंधी सभी तैयारियां वन विभाग सुनिश्चित करले। गांव-गांव में ढोडी पिटवा कर इसकी जानकारी लोगों को दी जाए।
4 मई से प्रारंभ होगी तेंदूपत्ता खरीदी-
बैठक में बताया गया कि अभी तेंदूपत्ता हरा है। आगामी 25 अप्रैल से यह तोड़ने लायक हो जाएगा। इसके बाद 4 मई से प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। इस बार शासन द्वारा 19 से 20 लाख तक मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य रखा गया है। तेंदूपत्ता की खरीदी दर 2500 रूपये प्रति मानक बोरा निर्धारित की गई है। इसके अलावा, जिन वनोपज समितियों को लाभ होता है, वह बोनस का वितरण अपने सदस्यों को करती हैं।