राजेश शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार एवं विचारक धार
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वैश्विक आपदा कोरोना ने निर्ममता से देश, दुनिया की सरहदों से लेकर संपूर्ण मानवता पर प्रहार किया है। ऐसे में संवेदना से भरे वे हाथ चाहे वे चिकित्सक हो… पैरामेडिकल स्टॉफ या सुरक्षा में मुस्तैद पुलिस या सुरक्षाकर्मी हो… इनकी अथक मेहनत और कई-कई घंटो के संघर्ष ने हमें अब तक महफूज रखा हुआ है। आपदा और विपदा की इस घडी में प्रशासनिक अमले के साथ कंधे से कंधा मिलाकर समाज का एक बडा हिस्सा मदद के लिए आगे आ रहा है यह तस्वीर निराशा और संकट के इस माहौल में आस पैदा कर रही है। संवेदना से भरे ये हाथ ही सचमुच मानवता के प्रहरी है। कई दिनों की भूख और कंधे पर गठरी लादे वह मजदूर जब अपने घर की और जा रहा हो ऐसे में समाज का एक तबका जो उनकी भूख और प्यास को दूर करने का जतन कर रहा हो तो मानवता और संवेदना का यह उदाहरण हमें यह जताता है कि समाज का ताना-बाना आज भी संवेदना और मानवीय मूल्यों से भरा पडा है। जब-जब मानवता कराह उठी है तब-तब मानवता के सजग प्रहरी बनकर संवेदना से भरे हाथ हमें जिंदगी जीना सिखाते है।
केंद्र, राज्य सरकारों के साथ प्रासनिक अमला और अन्य एजेंसियां कोरोना से जंग में कोई कसर बाकी नहीं रख रही है पर जंग के इस सफर में जख्मों पर संवेदना का लेप लेकर समाज और समाज का तबका जब उठ खडा होता है तो जंग जीतने की राह आसान हो जाती है। देश और दुनिया में इस वैश्विक समस्या से लडने के लिए अपने-अपने स्तर पर जतन हो रहे है। दुनिया की महाशक्तियां, दुनिया भर के राष्ट्राध्यक्ष, वैश्विक संगठन, डब्ल्यूएचओ, दुनियाभर के चिकित्सकों की बडी टीम, शोधार्थी जहां इस वायरस की उत्पत्ति, इससे होने वाली हानियां, इसे काबू करने से लेकर अनेक चरणों पर शोध कर रहे है। मार्केट एनालिस्ट, अर्थशास्त्री अर्थव्यवस्था पर पडने वाले प्रभावों का विश्लेषण कर रहे है ऐसे में मानवता के सजग प्रहरी बनकर एक नई दुनिया में कई-कई लोग, कई-कई घंटो, कई-कई दिनों की नींद त्याग कर मानवता की सेवा में लगे है। सच ये… मानवता के पुजारी है जो हमें दुनिया की खुबसुरती का संदेश देते है। कोरोना की पीड़ा में सेवा और राहत का मलहम बड़ा कारगर सिद्ध हो रहा है। असहाय को रोटी ज़रूरतमंद को आटा ये सूत्र वाक्य ही कोरोना को हराने के लिए छोटा ही सही पर बडा प्रयास है। धन्य है वे चिकित्सक, धन्य है वे समाज के प्रहरी जो इस जंग में डटे है फौलाद की तरह। सच ही है कि जख्मों पर संवेदना का यह लेप.. ही कोरोना से लडाई में विजय की शुरूआत का नाद है।
लेखक राजेश शर्मा का परिचय –
वर्तमान में संपूर्ण विश्व कोरोना वायरस से जंग लड रहा है। जंग में मानवता के कई ऐसे प्रहरी है जो जंग से मानव जाति को उबारने के लिए प्रण और प्राण से जुटे है। इस समसामयिक एवं विश्वव्यापी ज्वलंत समस्या पर तीक्ष्ण दृष्टि डालता आलेख धार के वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, विचारक राजेश शर्मा ने लिखा है। लेखक राजेश शर्मा की ख्याति राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार मप्र शासन होकर लेखक, विचारक एवं प्रासनिक परीक्षा के एक्सपर्ट के रूप में है। आपके मार्गदर्शन में कई युवा प्रासशनिक अधिकारी के पद पर कार्यरत है। आपने पीएससी परीक्षा एवं पत्रकारिता पर कई पुस्तकों की रचना की है। आप प्रदेश शासन की इंदौर संभाग स्तरीय पत्रकार अधिमान्यता समिति के सदस्य रहे है साथ ही पत्रकारिता की सर्वोच्च डिग्री एमजे में देवी अहिल्या विवविद्यालय इंदौर से टॉपर रहे है।