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सरदारपुर – सफलता की कहानी : आगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका ने 3 वर्ष मेहनत कर कुपोषित बच्चे की हालत में ला दिया सुधार, जन्म के समय वजन था मात्र 1 किलोग्राम…

सरदारपुर। सरदारपुर स्थित  आगनवाड़ी केंद्र क्रमांक 6 की आगनवाड़ी कार्यकर्ता उमा पंवार एवं आंगनवाड़ी सहायिका संतोष भाबर ने एक अतिकम वजनी बच्चे का आगनवाड़ी केंद्र पर लालन-पालन कर मात्र 3 वर्ष में ही 1 से 10 किलोग्राम से अधिक वजन बढ़ाकर बच्चे को हष्ट-पुष्ट बना दिया। परियोजना अधिकारी कांता निनामा ने आगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की सफलता पर हर्ष जताते हुए अन्य कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओ को भी इस कार्य से प्रेरणा लेने की बात कही हैं।

बच्चे की माता को समय-समय पर दी समझाईश –
महिला एवं बाल विकास अधिकारी क्रमांक 1 कांता निनामा ने बताया कि सरदारपुर स्थित आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक 6 पर सरदारपुर के वार्ड क्रमांक 11 में रहने वाले 3 वर्षीय बालक कार्तिक पिता आनंद का केंद्र की कार्यकर्ता एवं सहायिका ने अच्छी तरह से लालन-पालन किया। निनामा ने बताया कि कार्तिक की माता सुरेखा गरीब परिवार से हैं एवं मजदूरी कर अपना घर चलाती हैं। सुरेखा ने जब कार्तिक को जन्म नही दिया था तब वह बहुत कमजोर थी। जैसे ही सुरेखा के गर्भवती होने की सूचना आगनवाड़ी कार्यकर्ता उषा पंवार एवं सहायिका संतोष भाबर को मिली तो वे समय-समय पर उसकी माता की देखभाल कर उसका टीकाकरण किया। समय-समय पर कार्तिक की माता की देखभाल करने के बाद सुरेखा ने 7 सितम्बर 2016 को कार्तिक को जन्म दिया। जन्म के समय कार्तिक का वजन महज 1 किलोग्राम ही था। माता के कमजोर होने के कारण वह कार्तिक को ठीक से स्तनपान भी नही करवा पाती थी। समय-समय पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका बच्चे का देखभाल करती कई बार बच्चा कार्तिक भूखा ही सो जाता था।

समझाईश के बाद बच्चे को भेजा आंगनवाड़ी – 
आंगनवाड़ी पर्यवेक्षक अभिलाषा वास्केल ने बताया कि जब आगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका से यह ज्ञात हुआ की बच्चे के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नही है एवं बच्चा कुपोषित हैं तो बच्चे को एनआरसी में भर्ती करवाने की सलाह दी। लेकिन कुछ समय ही एनआरसी में भर्ती किया गया एवं बच्चे की माता उसे घर ले आई। काफी समझाईश के बाद भी जब कार्तिक की माता नही मानी तो आगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका ने उससे कहा कि वे अपने बच्चे आंगनवाड़ी भेजे। जिसके बाद कार्तिक को आगनवाड़ी में ही पोषक पदार्थ जैसे दूध आधी आगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका ने देने प्रारम्भ किए। आगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका ने बच्चे कार्तिक की देखभाल का जिम्मा अपने ऊपर लिया एवं बच्चे को अच्छी तरह से लालन-पालन किया। कुछ समय बाद ही कार्तिक की हालत में सुधार होने लगा। जिससे कार्यकर्ता एवं सहायिका का मनोबल बढ़ता गया।

3 वर्ष की मेहनत से बच्चे की हेल्थ में हो गया सुधार –
आगनवाड़ी कार्यकर्ता उमा पंवार ने बताया की जब हमने कार्तिक का लालन-पालन करने का जिम्मा लिया तो कार्तिक आगनवाड़ी केंद्र को ही अपना घर समझकर वही दिनभर रहना, खाना-पीना एवं सोना आरंभ कर दिया। उसे लगातार पोषक तत्व देने से 1 वर्ष में उसका वजन 6 किलोग्राम से अधिक हो गया। जिससे हमारा हौसला बड़ा और हम अन्य बच्चो के साथ ही कार्तिक की भी अच्छी तरह से देखभाल करने लगी। कई बार बालक कार्तिक के माता-पिता उसे आगनवाड़ी से ले जाते लेकिन वह आंगनवाड़ी में ही अपनी दिनचर्या बिताने लगा। फ़िलहाल माह नवम्बर तक कार्तिक 3 वर्ष से अधिक का हो गया हैं और उसका वजन 10 किलोग्राम से भी अधिक हो गया। आगनवाड़ी कार्यकर्ता उमा पंवार ने बताया कि सहायिका संतोष भाबर के साथ बालक कार्तिक एवं अन्य बच्चो की देखभाल आंगवाड़ी केंद्र पर अपने बच्चो की तरह की। अब कार्तिक काफी हष्ट-पुष्ट हैं। कार्तिक के जन्म के समय वह अतिकम वजन का होकर कुपोषित था। लेकिन 3 वर्ष के बाद उसकी हालत आगनवाड़ी आने से बदल गई। आगनवाड़ी कार्यकर्ता उमा पंवार ने बताया कि आगनवाड़ी केंद्र पर सभी कार्यकर्ताओं को बच्चो की देखभाल अच्छे से करनी चाहिए ताकि बच्चे स्वस्थ्य रह सके। बच्चो को भूख होती हैं और समय-समय पर पोष्टिक भोजन देने के साथ ही टीकाकरण भी करना चाहिए जिससे बच्चे स्वस्थ्य रह सकें।

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