जगदीश चौधरी, खिलेड़ी। इन दिनों बदनावर तहसील के खिलेड़ी क्षेत्र में शराब ठेकेदार एवं इसके पालतू गुंडों ने आतंक मचा रखा है। ठेकेदार ने शराब का ठेका तो लिया है एक निश्चित स्थान से शराब बेचने का लेकिन इस के द्वारा इस क्षेत्र के अंतर्गत छोटे से छोटे गांव में काउंटर लगावा कर शराब बिक़वाई जा रही है। शराब ठेकेदार के पालतू लोग आबकारी विभाग के वरदहस्त पर बिना किसी ठोस सबूत के किसी की भी दुकान या घर में घुस कर अवैध शराब की सर्चिंग करने लग जाते है । गत शनिवार की ही बात करें तो शराब ठेकेदार के लोग खिलेड़ी में बिना किसी सर्च वारंट के एक सज्जन की दुकान में घुस गए जब दुकान में कुछ नहीं मिला तो सज्जन के घर के अंदर तक घुस कर सारे समान को उथल पुथल कर दिया जब की उक्त सज्जन के घर मे ऐसी कोई अवांछित चीज नही पाई गई। यह कोई पहला मामला नहीं है,ऐसे गैरकानूनी सर्चिंग के काम करना इनकी आदत में शुमार हो चुका है। शराब ठेकेदार की गुंडा टीम, यह सब खुलेआम और बेखोफ होकर कर रही है और आबकारी विभाग और पुलिस विभाग इनका साथ देते दिखाई दे रहे हैं। बदनावर आबकारी अधिकारी मेडम से जब खिलेड़ी के सज्जन के घर आबकारी व ठेकेदार के गुंडों की दबंगई के बारे में बता कर चर्चा की तो,आप आवेदन दे दीजिए हम कार्रवाई करेंगे कह कर पल्ला झाड़ती दिखाई दी।
ठेकेदार के गुंडे लोगों के घरों में जबरन घुस तो रहे ही है साथ मे यही गुंडे रात्रि में नाका बंदी लगा कर बैठे रहते है व शराब की शंका में सीधे सादे लोगों को राह चलते रुकवा लर परेशान करते रहते है। एक व्यक्ति ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि मैं रात्रि के समय बदनावर से बाइक पर थेले में सामान रख कर अपने एक साथी के साथ आ रहा था, तभी बीच रास्ते मे एक चार पहिया वाहन के पास खड़े आदमी ने मुझे हाथ दिया, मुझे लगा कोई चोर उच्चक्के होंगे, मेने गाड़ी नहीं रोकी व अपनी रफ्तार बड़ा ली लेकिन उक्त चार पहिया वालों ने मेरा पीछा किया व अचानक उन्होंने अपना वाहन मेरे सामने खड़ा कर दिया जिसकी वजह से में गिरते गिरते बचा तथा चार पहिया वाहन के लोगों ने हमारा थेला चेक किया जिसमें घर का आवश्यक सामान था। जब मैने उनसे माजरा पूछा तो उन चारपहिया वाहन के लोगों ने बताया कि वो लोग शराब के ठेकेदार के आदमी है और हमे शराब लेजाने की आशंका में रोका था। अब सवाल यह उठता है कि इन गुंडों को यह पावर किसने दिया की ये किसी की भी दुकान मे, घर मे घुस कर खोजबीन करने लग जाते है, किसी को भी रात बिरात रास्ते मे रोकने का प्रयास करने लग जाते है। इन गुंडों की वजह से खिलेड़ी क्षेत्र में शरीफों का जीना मुहाल सा हो गया है, समय रहते प्रशासन ने इनके नाक में नकेल नहीं डाली तो स्थिति गम्भीर हो सकती है अौर यह तय है की शराब के ठेकेदार को पुलिस और आबकारी विभाग का पूरा वरद हस्त प्राप्त है वरना क्या कारण है की ये लोग अपनी अपनी मनमर्जी चलाकर कानून हाथ मे लेने से भी नहीं डर रहे है। कहा भी गया है कि जब सैया भये कोतवाल तो डर काहे का, और यह कहावत खिलेड़ी के शराब ठेकेदार व इसके गुडो पर सटीक बैठती दिखाई दे रही है।