भोपाल। प्रदेश के स्वशासी मेडिकल कॉलेजों के शिक्षकों को सरकार सातवां वेतनमान देगी। वित्त विभाग की सहमति मिलने के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग गुरुवार को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव रखेगा। वहीं, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (सवर्ण आरक्षण) के लिए लागू दस फीसदी आरक्षण के लिए जमीन के प्रावधान बदलने पर बैठक में मुहर लगेगी। सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट में एक दर्जन से ज्यादा प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा। इसमें मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों की सातवां वेतनमान दिए जाने की मांग को पूरा करने का निर्णय हो सकता है। वित्त विभाग ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के सातवां वेतनमान देने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। इससे सरकार के खजाने पर 78 करोड़ रुपए के आसपास वित्तीय भार आने की संभावना है। वहीं, बैठक में सवर्ण आरक्षण के लिए पात्रता के जमीन संबंधी प्रावधान में सरकार ने बदलाव किया है। इसके तहत पांच एकड़ या उससे अधिक भूमि की जगह पांच एकड़ से अधिक भूमि किया गया है। इस संशोधन पर कैबिनेट का अनुमोदन लिया जाएगा। इसके अलावा महू-मनमाड़ रेल लाइन के लिए वित्तीय प्रावधान, पत्रकार श्रद्धा निधि का नाम बदलकर पत्रकार सम्मान निधि और राशि प्रतिमाह सात हजार से बढ़ाकर दस हजार किए जाने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा सकता है। पिछले दिनों वित्त विभाग ने जनसंपर्क विभाग के इस प्रस्ताव पर सहमति दे दी है।
मध्यप्रदेश में मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों को मिलेगा सातवां वेतनमान, कैबिनेट में आ सकता है प्रस्ताव
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