राजगढ़। नगर समेत आसपास के क्षेत्र में तेजाजी दशमी धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर नगर में सकल पंच श्री क्षत्रिय राजपूत समाज द्वारा विशाल शोभायात्रा निकाली गई। पांच घंटे से अधिक नगर भ्रमण कर यात्रा पुनः तेजाजी मंदिर प्रांगण पहुंची। यहां तेजाजी के अंशो द्वारा जीव-जंतु से पीड़ित लोगों की तांती काटी। इस अवसर पर दिनभर धार्मिक आयोजन का सिलसिला जारी रहा।
प्रातः साढे़ 9 बजे पुराना बस स्टैंड स्थित राजपूत समाज के श्री सत्यवादी वीर तेजाजी महाराज मंदिर से यात्रा प्रारंभ हुई। सुसज्जित रथ में राधा-कृष्ण के वेष में युवक-युवती आकर्षण नृत्य कर रहे थे। वहीं, यात्रा के आगे रथ में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का वेष धारण कर युवक बैठा था। जिसकी रास्तेभर श्रद्धालुओं ने प्रसंशा की। यात्रा में 10 से अधिक मन्नतधारी श्रद्धालु निशान लेकर शामिल हुए थे। मुख्य आकर्षण का केंद्र घोड़ी पर सवार तेजाजी की झांकी रही। यात्रा में युवाओं ने सतरंगी साफा भी पहना था। मुख्य मार्गो से होते हुए दोपहर 3 बजे यात्रा पुनः तेजाजी मंदिर प्रांगण पहुंची। यहां तेजाजी के भगत गोपालजी रेवर, जगदीश बारोड़ एवं पुनमसिंह द्वारा निशान का पूजन किया गया। इसके तेजाजी के अंश के रूप में इनके द्वारा जीव-जंतु से पीड़ित लोगों की तांती काटी गई। महाआरती के बाद प्रसादी का वितरण हुआ।
यात्रा का कन्याशाला के सामने नर्मदा फ्रेण्डस ग्रुप द्वारा जल, श्रीराजपूत युवा विकास मंत्र द्वारा खिचड़ी एवं चारभुजा मंदिर पर समिति एवं श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना द्वारा स्वागत, लाल दरवाजा पर साई राम मित्र मण्डल द्वारा कैले, चबुतरा चौक पर शिवांश परिवार द्वारा स्वागत, मैन चौपाटी पर भगवा ग्रुप, भारतीय जनता पार्टी, श्री चारभुजा युवा मंच द्वारा स्वागत एवं कैले, धारिवाल पंवार परिवार द्वारा फरिहाली चिप्स, सकल पंच गवली समाज द्वारा स्वागत, हंसता खेलता मित्र मण्डल द्वारा मिठाई, नगर कांग्रेस पार्टी, नगर परिषद राजगढ़ द्वारा स्वागत एवं ज्ञानेंद्र मूणत मित्र मण्डल द्वारा कैले की व्यवस्था की गई थी। यात्रा संयोजक द्वय हुकुमसिंह रेवर एवं विक्रम बारोड़ एवं समाज के वरिष्ठ धारासिंहस चौहान एवं कालूसिंह पटेल का अनेक संस्थाओं ने साफा बंधाकर स्वागत किया। यात्रा समापन अवसर पर यात्रा संयोजक हुकुमसिंह रेवर द्वारा आभार व्यक्त किया गया।
देर रात्रि के हुआ नाटक का मंचन –
एक दिन पूर्व शनिवार रात्रि को तेजाजी के जीवन पर आधारित नाट्य मंचन छड़ावद के कलाकारों द्वारा किया गया। इससे देखने के लिए देर रात्रि तक पंडाल में श्रद्धालु जमें रहे।