भोपाल। विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आदिवासियों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। शुक्रवार को छिंदवाड़ा में उन्होंने कहा कि मप्र के सभी 89 अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों द्वारा गैर लायसेंसी साहूकारों से लिए गए सभी कर्ज माफ हो जाएंगे। इससे करीब डेढ़ करोड़ आदिवासियों को लाभ मिलेगा। यह कर्ज 15 अगस्त से माफ होना शुरू हो जाएंगे। कमलनाथ ने कहा कि किसी आदिवासी ने कर्ज लेने के लिए अपने जेवर या जमीन गिरवी रखी है, तो वह भी उन्हें वापस कराई जाएगी। भविष्य में कोई भी साहूकार अनुसूचित क्षेत्र में साहूकारी करेगा तो उसे लायसेंस लेकर नियमानुसार काम करना होगा। बगैर लायसेंस के अनुसूचित क्षेत्रों में साहूकारी का धंधा करना गैरकानूनी माना जाएगा।
एटीएम से निकाल सकेंगे दस हजार
कमलनाथ ने कहा कि आदिवासियों को साहूकारों से मुक्त कराने के लिए सरकार उन्हें रूपे और डेबिट कार्ड देगी। इसके जरिये वह जरूरत पड़ने पर दस हजार रुपये तक एटीएम से निकाल सकेंगे। इसके लिए हर हाट बाजार में एटीएम लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आदिवासी वर्ग की मांग पर अनुसूचित जनजाति विभाग का नाम बदलकर आदिवासी विकास विभाग किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जिन आदिवासियों के वनाधिकार के प्रकरण खारिज हुए हैं, उनका पुनरीक्षण किया जाएगा। पात्र होने पर उन्हें वनाधिकार पट्टा दिया जाएगा। आदिवासियों को कर्ज मुक्त करने के लिए जनजातीय कार्य विभाग 1972 के अधिनियम में ऋण विमुक्ति के लिए अध्यादेश के जरिये संशोधन करेगी। मप्र में आदिम जाति कल्याण (आजाक) द्वारा संचालित स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक अब आदिवासी बोली/भाषा को शामिल किया जाएगा।