सरदारपुर। कुपोषण के खिलाफ सरकार अभियान चलाकर जनता को जागरूक कर रही है लेकीन अंचलो मे आज भी अज्ञानता के चलते मासुम कुपोषण का शिकार हो रहे है। वैसे यदि पालक नीम हकीम के चक्कर मे ना आकर अपने बच्चो को सही मात्रा मे आहार उपलब्ध करवाये तो कुपोषण से मुक्ति मे काफी हद तक मददगार साबित हो सकते है।
पोषण पुर्नवास केंद्र सरदारपुर पर तेहसील क्षैत्र के ग्राम दत्तीगांव के मजरे टिमरीपाडा की एक कुपोषित बच्ची की उचित देखभाल के बाद उसे कुपोषण जैसे रोग से मुक्त किया गया। पोषण पुर्नवास केंद्र की परिक्षक शितल अग्निहोत्री ने बताया की टिमरीपाडा की अनिता पिता पेमा उम्र 3 वर्ष को केद्र पर लाया गया तब उसका वजन मात्र 4 किलो 45 ग्राम था जो कुपोषण की श्रैणी मे थी। यहा पर बालिका 21 दिन का टीटमेंट कर उसे भरपुर मात्रा मे प्रोटिन एंव विटामिन युक्त आहार उपलब्ध करवाया गया । बालिका को प्रतिदिन 24 घंटे मे 8 बार पोष्टिक आहार के साथ दवाईया दी गई। उसके बाद उसके स्वास्थ मे सुधार होकर वजन बढकर 7 किलो ग्राम हो गया। बालिका को केंद्र से छुट्टी देकर परिजनो को प्रतिदिन कितनी मात्रा मे किस प्रकार का आहार उपलब्ध करवाना उसका चार्ट बनाकर समझाईश दी गई।
केंद्र पर भर्ती रहने वाले बच्चो की माता को दिन मे दो बार भोजन के साथ नाश्ता भी दिया जाता है। केंद्र पर 1 नर्स,3 सर्पोट स्टाफ,1 स्वीपर के साथ डॉ द्वारा निरन्तर चैकिंग होती है। जिसके चलते उचित परिणाम देखने को मिल रहे है।
सरदारपुर – कुपोषण से मुक्ति मे सहायक सिद्ध हो रहा पोषण पुर्नवास केंद्र, टिमरीपाडा की कुपोषण से ग्रसित 3 वर्षीय बालिका 21 दिन बाद हुई रोग से मुक्त, उपचार के बाद बढ़ा 3 किलो वजन
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