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सण्डे स्पेशल : संघर्ष के साथ जारी रखी अपनी मेहनत, अब मिली मंजिल.. पढ़ीये किसान की बेंटी का गांव से उद्योग विभाग के सहायक संचालक बनने तक का सफर…

रमेश प्रजापति, सरदारपुर। कहते दृढ़ संकल्प मन में हो और माता पिता का आशीर्वाद – विश्वास हो तो कोई भी मंजील ज्यादा बड़ी नही लगती है। मध्यमवर्गीय परिवार में रहकर भी केवल और केवल अपनी मेहनत से आप हर सफलता पा सकते है। ऐसी ही सफलता जनपद पंचायत सरदारपुर में पदस्थ विकास खण्ड अधिकारी योगीता भटनागर ने हासिल की है। हाल हि में भटनागर का स्थानांतरण सरदारपुर जनपद से जनपद पंचायत पिपलोदा जिला रतलाम में प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर हुआ है। योगीत भटनागर की कड़ी मेहनत व लगन से राज्य प्रशासनिक सेवा में उनका चयन हुआ है। अब भटनागर जल्द ही अब सहायक संचालक उद्योग विभाग के पद पर अपनी सेवाएं देंगी। शुक्रवार को जनपद पंचायत सीईओं अशोक सवनेर एवं जनपद के स्टाॅफ ने योगीता भटनागर को उज्जवल भविष्य की कामना के साथ विदाई दी।
मुलतः मंदसौर जिले में मध्यमवर्गीय परिवार में निवास करने वाली योगीता भटनागर के माता – पिता ने प्रारंभ से ही उन्हें पढ़ने और आगे बड़ने की सलाह दि। मंदसौर जिले के नाहरगढ़ में निवास करने वाली भटनागर के पिता कृषी करते है। किसान की बेटी भटनागर ने काफी संघर्ष किया। प्रारंभ में भटनागर ने मंदसौर जिले के कयामपुर में विद्युत वितरण केन्द्र पर क्लर्क का कार्य किया। जहां पर विद्युत वितरण केन्द्र के स्टाॅफ ने भटनागर की सहायता करते हुए उन्हें राज्य प्रशासनिक परिक्षा की तैयारी करने हेतु प्रेरित किया। जिसके बाद योगीता भटनागर ने दिन रात पढ़ाई कर राज्य प्रशासनिक सेवा पास की जिसमें उनका चयन विकास  खण्ड अधिकारी के पद पर हुआ लेकिन कहते है ना की खुलकर उड़ने वाले परिंदे को आसमान छोटा लगता है। विकास खण्ड अधिकारी बनने के बाद भी उन्होने अपनी पढ़ाई जारी रखी और अब भटनागर का चयन सहायक संचालक उद्योग विभाग के पद पर हुआ है। 

योगीत भटनागर बताती है कि उनके परिवार में माता – पिता का उन्हें सदेव साथ रहा। मेरी सफलता का श्रैय मेरे माता-पिता और गुरूजनों को जाता है। अगर अपने लक्ष्य को निश्चित कर लिया जाये तो कोई भी मंजील हासिल करना मुश्किल नही है। जिस तरह मेंरे माता -पिता ने मुझे आगे बड़ने में साथ दिया वैसे ही अगर हर लड़की को उनके माता – पिता साथ दे तो लड़कीया भी देश के कई मुख्य पदों पर आसिन रहेंगी एवं लड़का और लड़की में भेंद भाव ही खत्म हो जाएगा। 

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