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रिंगनोद – साध्वी श्री का हुआ भव्य मंगल प्रवेश, चल समारोह निकला, चतुर्मास रूपी महोत्सव का है बड़ा महत्व – साध्वीश्री दर्शित कलाश्री जी…

रिंगनोद। जिनशासन में चतुर्मास रूपी महोत्सव का बड़ा महत्व है, कहने के तो है 4 महा बारिश के हैं लेकिन असल में यह 4 महीने धर्म आराधना आत्मशुद्धि  ज्ञान  तप आराधना को प्रकाशित करने का पर्व है। उक्त प्रेरक उद्बोधन रिगनोद में चतुर्मास प्रवेश के अवसर पर आचार्य गच्छाधिपति आचार्य श्री नित्य सेन सुरिश्वर जी महाराज साहब आचार्य श्री जयरत्न सूरीश्वरजी महाराज साहब की आज्ञानुर्वतनी साध्वी श्री शशीकला श्री जी महाराज साहब की सुशिष्या साध्वी श्री  दर्शित कलाश्री जी ने जैन धर्मशाला में कहे इससे पूर्व प्रातः जैन समाज के वरिष्ठ शांतिलाल डांगी, शैतानमल बाठीया, पारसमल पवार, हुक्मीचंद धोखा, विजय इमलीवाला, राजेंद्र परिषद की सभी शाखाओं के कार्यकर्ताओं और समाज के महिला पुरुषों ने भव्य अगवानी की पश्चात नगर में शोभायात्रा प्रारंभ हुई जिसमें महिलाओं ने एक जेसी पोशाक पहन कर सिर पर कलश लेकर चल रही थी। दो सुसज्जित रथो पर गुरुदेव श्री राजेंद्र सूरीश्वरजी एवं पुण्य सम्राट श्री जयंतसेन सूरीश्वरजी महा साहब के चित्र रखे हुए थे पीछे गाड़ी में गुरुदेव की चलित मूर्ति विराजित थी। जिस पर समाजजनों एवं ग्रामीणों ने वासकक्षेप पूजन कर गहुली की शोभायात्रा में लोग नाचते हुए चल रहे थे।  पूरे गांव में वंदनवार तोरणद्वार लगाए गए शोभा यात्रा नगर भ्रमण के पश्चात् श्री चंदप्रभु जैन मंदिर पहुंची यहां पर भगवान के दर्शन वंदन कर जैन धर्मशाला पहुंचने पर धर्म सभा में प्रवेश परिवर्तित हुई धर्मसभा का शुभारंभ साध्वी श्री जी  के मंगलाचरण के बाद अतिथि द्वारा गुरुदेव के चित्र की पूजन कर दीप प्रज्वलित कर किया जैन समाज के वरिष्ठ विजय इमलीवाला व आशीष पंवार ने स्वागत भाषण दिया निकिता चौरड़िया, पीयूष चौरड़िया, रश्मि मेहता, प्रिया इमलीवाला एवं अनीता  झंडा वाला  ने स्तवन प्रस्तुत किए

इस अवसर पर श्री कांतिलाल भंडारी राजगढ़,  जवाहरलाल काकड़ीवाला अलीराजपुर, मनोहर लाल पुराणिक  कुक्षी,  सुरेश कोठारी पारा, राजेश खाबिया रतलाम ने उपस्थित धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सौर्धमवृहद तपागछ्छीय त्रिस्तुतिक जैन श्रीसंघ का कोई ऐसा आयोजन पर्व समारोह नहीं होता जिसमें पूज्य गुरुदेव श्री जयंतसेन सूरीश्वरजी  म.सा.को याद नहीं किया जाता हो  इस चतुर्मास में हमें साध्वी श्री जी के ज्ञान का लाभ लेना है धर्म आराधना में रहकर  चतुर्मास  अपनी आत्मा के कल्याण का हेतु बने ऐसा हमें चतुर्मास के दिनों में धर्म आराधना कर करना है श्रीसंघ द्वारा साध्वी श्री दर्शित कलाश्री जी एवं चंदन कलाश्री जी को कामली ओढाई  चतुर्मास प्रवेशोत्सव पर राजगढ़ श्री संघ राणापुर कुक्षी टांडा अलीराजपुर खट्टाली रतलाम धार झाबुआ दाहोद दसाई आंबुआ पारा सहित कई श्री संघों के प्रतिनिधि उपस्थित थे कार्यक्रम का संचालन चिराग भंसाली ने किया आभार कनक लुणावत ने व्यक्त किया अंत में गुरुदेव की आरती कर श्री संघ द्वारा आयोजित स्वामी वात्सल्य किया गया ।

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