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तो इसलिये मना रहा है सम्पूर्ण सीरवी समाज माहि बिज का पर्व… पढीये सीरवी समाज के सक्रिय कार्यकर्ता श्री बीएल परवार का यह लेख…

राजगढ़। भक्त कि भक्ती से प्रसन्न होकर अम्बेमाताजी ने राव बिकाजी डाबी के यहा कन्या रुप मैं आने कहा व विकृम संवत 1472 को अम्बापुर गुजरात के राव बिकाजी डाबी के यहा भादवा सुदी बीज के दिन कन्या रुप अपने वचननानुसार संध्या काल को घर के आंगन मैं महाशक्ती स्वरुप कन्या फुलो के बगीचे मैं प्रकृट हुयी… देवीयस्वरुप शक्ती का नामाकरण संस्कार हुवा ’जीजी’ नाम रखा….और फिर जालोर के महाराजा कान्हडदेव कि सेनापती ’शमषेरसिंह ( शमसपीर ) को अपना गुरु माना व गुरु शमषेरसिंहजी ने ही आपको जीजी सा से आईमाताजी का नाम दिया व देवीय शक्ती’ सार्वजनिक जीवन मैं पुर्णत सक्रिय हुवे….

आईये शब्दो एवम् आईमाताजी कि आरती के माध्यम से जाने आईमाताजी के जीवनकाल के महत्वपुर्ण अंश…’राव बीका घर अम्बापुर में अवतार लियो अम्बे माई..ब्याव करण खिलजी चढ़ आयो तौबा कर-कर जान बचाई..नारलाई में पर्चो भारी पत्थर शिला माँ अधर धराई..डायलाना में बड़लो (बरगद् का पेड) हलारो छिय करी जगदम्बे माई..भैसाना में किना भाटा..मेवाड़ धरा राय मल जी पाई हिंदुऔ सूरज लाज बचाईजाणोजी रो पुरियो मनोरथ माधवजी सु मेल कराई.. माही बीज दीवान पद राजे भादवी बीज ने ज्योत जगाई…बिलाड़ा में आईमाताजी ज्योत समाई..

आज से होगा दिवान मेरा स्वरुप:-
मानसेवा सतकर्मो तथा धर्म प्रचार मैं अपना जीवन अर्पित कर जीवनकाल के अंतिम प्रवास बिलाडा मैं सीरवी समाज कि कुलदेवी इष्टदेवी भगवती आईमाताजी ने विकृम सवंत 1557 माघ सुदी बीज शनिवार के शुभ दिन माधवसिंहजी के सुपुत्र गौयनदासजी को बिलाडा मैं आईपंथ का धर्मगुरु नियुक्त किया….और कहा कि आज  आज से दिवान मेरा स्वरुप होंगा दिवान कि वाणी व सतचनो मैं मेरा वास होंगा…

जैसी  इच्छा  सो फलपासी:-
’म्हारे गादी पुत्र तूं,दीवान सुण सुख पाय…देवी रो दीवान पद,दीनो तब चित लाय…गोयन्द को गादी बैठाया दीवान पदवी थाई..पालो धर्म ,धर्म कर चालो, राज -धर्म बिननाई गादी,अमर आईमाताजी की जानो, अनवी शीश झुकाई…जैसी  इच्छा  सो फलपासी ,कहवे सो हो जाई..तिलक कियो निज कर सू माताजी , कुं-कुं तिलक चढ़ाई …अनुभव सूझी आसरो अम्बा (माता), नित गोयन्द गुण गाई..’
और तब से आज तक यह परम्परा कायम है वर्तमान मैं दिवान माधवसिंहजी राठौर साहब आईपंथ सीरवी समाज के 19वें वर्तमान धर्मगुरु है..
आज विकृम संवत 2073 माघ सुदी बीज ( 29 जनवरी 2017) रविवार को पुरे देष में  सीरवी समाज 516 वी माही बीज महोत्सव मना रहा है… हर वर्ष सीरवी समाज बड़े ही धुमधाम से यह पर्व मनाता है।

उक्त लेख सीरवी बाबुलाल परवार निवासी ग्राम गुमानपुरा जिला धार (म.प्र.) द्वारा हमे दिया गया है।  श्री परवार सीरवी समाज संगठन के सक्रिय कार्यकर्ता है एवं पीएचई विभाग सरदारपुर में ब्लाॅक समन्वयक  के पद पर कार्यरत है।

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