विक्रमसिंह राठौर, अमझेरा। 1857 की क्रांति के महान योद्धा अमर शहीद महाराणा बख्तावरसिंहजी जिन्हौने देश की आजादी के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया ऐसे अमर शहीद की एकमात्र पुरातात्विक धरोहर चोमुखा महल की छत पिछले दिनो भरभरा कर गिर गई थी तथा महल भी गिरने की कगार पर आ गया था । जिसे लेकर समाचारों के माध्यम से जिले के वरिष्ठ अधिकारीयों के साथ ही पुरातत्व विभाग के अधिकारीयों तक महल के जिर्णोद्धार को लेकर खबर पहुंचाई गई थी । जिसके बाद शुक्रवार को पुरातत्व विभाग के इन्दौर और भोपाल के अधिकारी राणा बख्तावरसिंहजी के महल परिसर पहुंचे जहाॅ उन्है बख्तावर फाउंडेशन के सदस्यो ने महल की पुरी स्थिती से अवगत कराया। अधिकारीयों ने क्षतिग्रस्त महल को अंदर और बाहर से अच्छि तरह से अवलोकन किया साथ ही परिसर के आस-पास के अन्य हिस्से को भी देखा तथा उसका सर्वे कर शीघ्र ही चोमुखा महल को यथास्थिती में लाने की बात कही साथ ही यहाॅ अनेक विकास कार्य करने की बात कही।
इस मौके पर पुरातत्व विभाग के एस.आर.वर्मा डिप्टी डायरेक्अर इंदोर संभाग, डाॅ.रमेश यादव पुरातत्व अधिकारी भोपाल, के.के.बेरई डिप्टी डायरेक्टर इंजीनियर भोपाल, पुष्पेन्द्र रोकड़ इंजीनियर इन्दौर, अंकित चोहान इंजीनियर इन्दौर एवं सहायक इंजीनियर अजय गुप्ता के साथ बख्तावर फाउंडेशन के गोपाल सोनी, विक्रमसिंह राठौर, प्रदीपसिंह पंवार, अजय शर्मा, नारायण दीक्षित आदि अन्य उपस्थित थे।
इस मौके पर पुरातत्व विभाग के एस.आर.वर्मा डिप्टी डायरेक्अर इंदोर संभाग, डाॅ.रमेश यादव पुरातत्व अधिकारी भोपाल, के.के.बेरई डिप्टी डायरेक्टर इंजीनियर भोपाल, पुष्पेन्द्र रोकड़ इंजीनियर इन्दौर, अंकित चोहान इंजीनियर इन्दौर एवं सहायक इंजीनियर अजय गुप्ता के साथ बख्तावर फाउंडेशन के गोपाल सोनी, विक्रमसिंह राठौर, प्रदीपसिंह पंवार, अजय शर्मा, नारायण दीक्षित आदि अन्य उपस्थित थे।
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