नरेन्द्र पंवार, दसाई। अच्छे संस्कार से जीवन में कई प्रकार के लाभ अपने आप मिल जाते हैं। जिस परिवार में संस्कार का भण्डारा रहता हैं वहा किसी भी प्रकार की कमी कभी भी नही आती हैं। आज आवश्यकता हैं तो परिवार में संस्कार की वही जिस व्यक्ति ने क्षमा करना सीख लिया वह कभी भी पीछे नही रहेगा।क्षमा करने वाला व्यक्ति हमेशा आगे रहता हैं साथ ही पर्युषण महापर्व हमें कई बाते सीखाता हैं। पर्युषण महापर्व के अन्तिम दिवस संवत्सरी के दिन सभी जीवो से क्षमायाचना करना चाहिये उक्त विचार राजेन्द्रसूरि ज्ञान मन्दिर में पर्युषण महापर्व के समापन अवसर पर साध्वी मनन कीर्तिजी म.सा ने कहेें ।
पर्युषण महापर्व के समापन अवसर पर आदिनाथ जिनालय में प्रशासन के निर्देश का पालन करते हुए शारीरिक दूरी के साथ समाजजनो ने दर्शन लाभ के साथ पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर भगवान की मनमोहक अंगरचना की गई ।
जब से पर्युषण महापर्व प्रारम्भ हूआ हैं यहा तपस्या करने वालो की झडी लगी हुई हैं। आठ उपवास, पाॅच उपवास तीन उपवास के साथ-साथ पोषध, आयंबिल, एकासना की तपस्या की झडी लगी हुई हैं। जिनका बहुमान मण्डलेचा परिवार द्वारा किया गया।
पर्युषण महापर्व के समापन अवसर पर आदिनाथ जिनालय में प्रशासन के निर्देश का पालन करते हुए शारीरिक दूरी के साथ समाजजनो ने दर्शन लाभ के साथ पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर भगवान की मनमोहक अंगरचना की गई ।
जब से पर्युषण महापर्व प्रारम्भ हूआ हैं यहा तपस्या करने वालो की झडी लगी हुई हैं। आठ उपवास, पाॅच उपवास तीन उपवास के साथ-साथ पोषध, आयंबिल, एकासना की तपस्या की झडी लगी हुई हैं। जिनका बहुमान मण्डलेचा परिवार द्वारा किया गया।
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